Hindī nāṭaka para pāścātya prabhāvaLokabhāratī Prakāśana, 1966 - 491 pàgines |
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... चित्रण तथा तर्क - शीलता , इन दो नवीन तत्वों का समावेश किया है । इन विचारात्मक नाटकों में जीवन का यथार्थवादी चित्रण है , जिसमें ...
... चित्रण तथा तर्क - शीलता , इन दो नवीन तत्वों का समावेश किया है । इन विचारात्मक नाटकों में जीवन का यथार्थवादी चित्रण है , जिसमें ...
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... चित्रण के स्थान पर , जीवन के संघर्ष मय स्वरूप का चित्रण किया । इन नाटकों के चरित्र चित्रण में उच्चवर्ग के पात्रों के साथ निम्नवर्ग ...
... चित्रण के स्थान पर , जीवन के संघर्ष मय स्वरूप का चित्रण किया । इन नाटकों के चरित्र चित्रण में उच्चवर्ग के पात्रों के साथ निम्नवर्ग ...
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... चित्रण को इस वृत्ति का सूत्रपात हुमा है , उसे हम यथार्थवादी नाट्य - शिल्प कह सकते हैं । इस रचना -शैली को लेकर जीवन को वास्तविकता का ...
... चित्रण को इस वृत्ति का सूत्रपात हुमा है , उसे हम यथार्थवादी नाट्य - शिल्प कह सकते हैं । इस रचना -शैली को लेकर जीवन को वास्तविकता का ...
Frases i termes més freqüents
अंगरेजी अथवा अधिक अपनी अपने अश्क आदि इन इब्सेन इस नाटक इस प्रकार इसी उनकी उनके उन्होंने उपयोग उपेन्द्रनाथ अश्क उस उसका उसकी उसके उसे एक एवं और कर करके करते करने के कला का प्रभाव कारण किन्तु किया है किसी की कुछ के इस के प्रति के लिए के लिये के साथ को लेकर गया है ग्रहण चरित्र चित्रण जयशंकर प्रसाद जी ने जीवन के जो तथा तो था दि दिया द्वारा नहीं नाटक के नाटक में नाटककार नाटककारों नाटकीय नाटकों नाटकों के नाट्य नाट्य शास्त्र पर पश्चिम के पाश्चात्य पाश्चात्य प्रभाव पृ० प्रकार के प्रगट प्रयोग प्रसाद जी प्रस्तुत प्रारम्भ फ्रांस बाद भारत भावना मनुष्य में भी मोलियर यह रचनाओं में रामकुमार वर्मा वह विचार विभिन्न विशेष शा शेक्सपियर शेक्सपियर के शैली संस्कृत सामाजिक साहित्य से स्थान स्वच्छन्दतावादी हम हिंदी हिन्दी हिन्दी साहित्य ही हुआ है हुए हुये है और है कि हैं हो होता है होने